भारतीय सेना की पैरा एस एफ कमांडो दुनिया की सबसे ताकतवर कमांडो में से एक है। यब कमांडो जमीन के साथ-साथ पानी और हवा से दुश्मनों को खत्म करती है। इसका जीता जागता उदाहरण हमने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में देख ही लिया है। कमांडो के सामने दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं, ऐसा इसलिए हैं क्योंकि कमांडो को बनने के लिए बहुत कठिन फिजिकल परीक्षा से गुजरना पड़ता है, जिसमें से महज 10 फिसदी युवा ही परीक्षा पास कर पाते हैं। परीक्षा पास करने के बाद उन्हें दुनिया की सबसे कठिन ट्रेनिंग दी जाती है, जिसके बाद वह दुनिया के सबसे ताकतवर कमांडो बनते हैं। हालांकि ट्रेनिंग के दौरान कई जवान हार मान लेते हैं। कमांड़ों बनने के लिए तेज दिमाग के साथ-साथ फिजिकल फिटनेस की बहुत मायने रखता
पैरा कमांडो
पैरा कमांडो भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की विशेष स्पेशल फोर्स टुकड़ी है। यह टुकड़ी विशेष कार्यों जैसे कि स्पेशल ऑपरेशन्स, डायरेक्ट एक्शन, होस्टेज प्रॉब्लम, एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन्स, दुश्मन के आक्रमण, आदि मुश्किल कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। इसी तरह से नेवी में मार्कोस और वायु सेना में गरुड कमांडो होते हैं।
पैरा एस एफ कमांडो बनने के लिए 2 तरीके हैं- 1.जो सैनिक पहले से ही सेना में कार्यरत है वह डायरेक्ट कमांडो फिजिकल परीक्षा और ट्रेनिंग पास करने के बाद कमांडो बन सकते हैं। 2. अफसर परीक्षा- NDA एवं CDS के माध्यम से कमांडो ऑफिसर बन सकते हैं।
पैरा कमांडों के लिए फिजिकल फिटनेस टेस्ट
- जैसा कि हम सब जानते हैं कि फौज के लिए दौड़ सबसे अधिक मायने रखती है, इसी प्रकार से पैरा एस एफ कमांडो की फिजिकल परीक्षा के लिए 5 किलो मीटर की दौड़ महज 20 मिनट में समाप्त करनी होती है।
- अगले पड़ाव में 1 मिनट में न्यूनत 40 पुश अप्स लगाने अनिवार्य है।
- न्यूनतम 14 चिन अप्स
- 2 मिनट में 80 सिट अप्स
- 1 मिनट में 17 बार मीटर शटल टेस्ट
पैरा कमांडो का नारा
शौर्यम् दक्षम् युद्धै।
बलिदान परम धर्म:।।
Para SF कमांडो फिजिकल टेस्ट के लिए कैसे करें तैयारी
पैरा एस एफ कमांडो बनने के लिए आम भर्ती से परे कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ता है। जिसमें सबसे अहम है आपकी फिटनेस, इसके लिए आपको अपनी आदत में सुधार एवं बदलाव करना पड़ेगा। फिटनेस के लिए स्ट्रेंथ, एंड्यूरेंस, और फ्लेक्सिबिलिटी पर काम करने की जरूरत होती है। हालांकि सैनिकों में फिटनेस तो होती है और वह फिजिकल परीक्षा पास भी कर लेते हैं, लेकिन फिर उन्हें ट्रेनिंग के दौरान बहुत कठिनाइयां का सामना करना पड़ता है, हालांकि ये कठिनाइयां ट्रेनिंग का हिस्सा होती हैं, लेकिन यदि आप पहले से ही अभ्यास करते रहें तो ट्रेनिंग के दौरान आपको अधिक शारीरिक कष्ट महसूस नहीं होगा। इसके लिए आपको रोजाना इन पॉइंट्स पर ध्यान देना होगा-
- नियमित व्यायाम के साथ आपको खुद के लिए और अधिक समय निकालना पड़ेगा, ताकि आपका स्टैमिना, स्ट्रेंथ, और एंड्यूरेंस बढ़े।
- 20 मिनट में 5 किलो मीटर दौड़ना है, तो जाहिर है कि यहां पर आपकी गति बहुत मायने रखती है, इसलिए रोजाना तेज दौड़ने का प्रयास करें। जिसके लिए आपको रोजाना 3 घंटे केवल दौड़ की ही प्रैक्टिस करनी चाहिए।
- इसके साथ ही आपको रोजाना पुश अप्स, चिन अप्स, सिट अप्स की प्रैक्टिस करनी होगी।
यह तो हुईं फिजिकल परीक्षा के लिए टिप्स, लेकिन अब 90 दिनों चलने वाली ट्रेनिंग के लिए कभी-कभी 36-36 घंटे बिना पलक झपकाए बैठना पड़ता है, या कहें कि उन्हें गंभीर टार्चर से गुजरना पड़ता है और उनकी 90 दिनों तक चलने वाली ट्रेनिंग शेड्यूल इस प्रकार है-
- रोजाना सुबह 3 से 4 बजे के बीच जागना फिर 60 से 65 किलो का भार लेकर 20 किलोमीटर तक दौड़ना।
- हवाई जहाज से पैराट्रूपर्स की ट्रेनिंग के लिए 33000 फिट की ऊंचाई से जंप लगाना, जिससे वह हवा में लड़ाई के लिए परफैक्ट बनते हैं।
- पानी में लड़ने के लिए उन्हें पानी में रहकर लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- 1 महीने के बाद, जब वह शारीरिक रूप से फिट होते हैं फिर उन्हें हथियारों से रूबरू करवाया जाता है और ट्रेनिंग दी जाती है।
- ताइकांडो की प्रैक्टिस भी पैरा कंमाडो ट्रेनिंग के दौरान जवानों को दी जाती है।
- इसके अलावा इन जवानों को कमांडो बनाने के लिए मेडिकल, कुकिंग, विदेशी भाषा समेत कुल 9 प्रकार की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है।
इस प्रकार से 3 महीने तक सफलतापूर्वक ट्रेनिंग एवं टास्क कंप्लीट करने पर उनका चयन बतौर पैरा एस एफ कमंडो के तौर पर किया जाता है। यदि आप भी किसी भी प्रकार की डिफेन्स फिजिकल ट्रेनिंग की तैयारी करना चाहते हैं तो इसमें फौजफिट ऐप आपकी सहायता कर सकता है। जहां पर डिफेन्स फिजिकल की ट्रेनिंग दी जाती है।
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