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नवग्रह शांति पूजन का महत्व एवं लाभ

मनुष्य के जन्म के उपरांत ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को ध्यान में रखकर उनकी कुंडली तैयार की जाती है. जिसे हम आसान शब्दों में जन्म पत्री कहते हैं. कुंडली हमारी वर्तमान स्थिति के साथ-साथ भविष्य के कार्यों को बताती है, हालांकि केवल वैदिक पंडित ही कुंडली को समझ सकते हैं. कुंडली में ग्रहों की दशा एवं दिशा बदलती रहती है और जब इनमें कुछ बदलाव आता है तो हमारे जीवन  में भी इसका असर सकारात्मक और नकारात्मक रूप में देखने को मिलता है. यदि ग्रहों की दिशा ठीक ना हो तो बहुत सी कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. ग्रह अपनी दिशा समय आने पर स्वयं ही बदतले हैं लेकिन नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए नवग्रह पूजा के माध्यम से कुंडली में ग्रह दोष को कम कर सकते हैं.  

नवग्रह शांति पूजन का महत्व  

नवग्रह शांति पूजा किसी भी व्यक्ति की कुंडली के दोषों को कम करने के लिए की जाती है. कुंडली में कुल नौ ग्रहों की उपस्थिति होती है, जिसमें  सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुद्ध, गुरू, शुक्र, शनि , राहु और केतु शामिल हैं. ये ग्रह कुंडली में सदैव ही रहते हैं, लेकिन किसी भी एक ग्रह के असंतुलित होने से आपको शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है. ग्रहों की स्थिति को शांत करने के लिए नवग्रह शांति पूजन करवाना आवश्यक है. पूजा के माध्यम से ग्रह संतुलन में आते हैं, जिससे आपके जीवन में हो रही परेशानियां और कठिनाइयां कम होने लगती हैं. यघपि नवग्रह पूजन का मुहूर्त केवल पंडित जी द्वारा कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर तैयार किया जाता है और वैदिक पंडित ही इसका समाधान निकाल सकते हैं.  


नवग्रह शांति पूजन के लाभ 

1. सूर्य- सूर्य ग्रह की पूजा से स्वास्थ्य संबंधी विकारों से मुक्ती मिलती है. यदि आप सूर्य के लिए नवग्रह शांति पूजन करते हैं तो आपको निश्चित ही पित्त रोग, हृदय रोग, मूत्र, नेत्र, चर्म रोग, नसों की समस्या और दांतों की समस्या से छूटकारा मिलता है. सूर्य देव की कृपा पाने हेतु लाल वस्त्र, लाल चंदन, तांबा, केसर , कमल पुष्प, गेहूं, गुड़, केसर आदि का दान करना चाहिए. ॐ घ्राणि सूर्याय नम: मंत्र का जप 7000 बार करना चाहिए.  

2. चंद्रमा- मानसिक शांति के लिए चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए. आर्थिक अस्थिरता, माता पिता के स्वास्थ्य संबंधी विकारों को दूर करने के लिए चंद्र ग्रह अहम भूमिका निभाता है. आलस्य, सिर दर्द, गृह कलेश और कफ संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए चन्द्रमा की उपासना करनी चाहिए.    

3. मंगल-  जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल ग्रह की दशा खराब चल रही होती है उन्हें अत्यधिक क्रोध आता है. विवाह में बाधा , त्वचा संबंधी रोग, आत्मविश्वास  एवं साहस में कमी और मांगलिक दोष की शांति के लिए मंगल ग्रह की उपासना करनी चाहिए. मंगल की उपासना  हेतु हनुमान चालिसा और शिव चालिसा का पाठ करना चाहिए.  

4. बुध- यदि आपकी कुंडली में बुध की दशा प्रतिकूल चल रही है तो शिक्षा और पढ़ाई में बाधा आएगी, इसके समाधान के लिए आपको बुध ग्रह के लिए उपासना करनी चाहिए. इसके लिए आपको प्रत्येक बुधवार और अमावस्या के दिन व्रत का पालन विधिवत करना चाहिए.  

5. बृहस्पति- बृहस्पति पूजन से शिक्षा, विवाह और सन्तान की प्राप्ति होती है. आर्थिक, मानसिक, व्यवसायिक तथा सामाजिक इत्यादि क्षेत्र में आ रही परेशानियां कम होती है. इसके साथ ही पूजन से समाज में पद प्रतिष्ठा की वृद्धि होती है.  

6. शुक्र- शुक्र ग्रह को धन प्रदाता माना जाता है, शुक्र ग्रह की दिशा अनुकूल होने से जीवन में सुख, ऐश्वर्य , वैवाहिक शांति का संचालन बना रहता है और समस्त दोषों का नाश होता है. शुक्र ग्रह की दया दृष्टि से ही संतान की प्राप्ति होती है.  

7. शनि-  शनिदेव की उपासना से मानसिक शांति, नौकरी, व्यवसाय में लाभ की प्राप्ति होती है. गृह कलेश, पारिवारिक अशांति और स्वास्थ्य संबंधित विकार दूर होते हैं. शनिवार के दिन व्रत रखने के शनि ग्रह की दया दृष्टि बनीं रहती है.  

8. राहु-  राहु हर एक कुंडली में विराजमान होता है, लेकिन जब राहु की स्थिति ठीक नहीं होती तो मानसिक और शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है. राहु की स्थिति अनुकूल होने पर आपको लाभ प्राप्त होगा.  

9. केतु- लोगों के मन में यह धारणा होती है कि आपकी कुंडली में केतु है तो आपके सारे कार्य अशुभ होते हैं, लेकिन यदि केतु आपकी शुभ स्थिति में है तो आपके लिए लाभकारी सिद्ध होता है. केतु की प्रसन्नता के लिए शान्ति अनुष्ठान करवाना चाहिए जिससे आध्यात्मिक ज्ञान और सांसारिक जीवन सुखमयी होता है.  

नवग्रह शांति पूजन के माध्यम से जीवन में आ रही विपदा का निवारण किया जाता है. पूजन के लिए वैदिक ब्राह्मण का होना बहुत आवश्यक है. आज के युग में लोग अपने काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि वैदिक ब्राह्मण ना मिलने के कारण पूजा नहीं करवा पाते हैं. लेकिन आधुनिकीकरण के इस दौर में सब कार्य जहां ऑनलाइन हो रहे हैं, वहीं वैकुंठ भी आपके लिए ऑनलाइन सेवा प्रदान कर रहा है, जिसके माध्यम से आप ऑनलाइन वैदिक पंडित जी की बुकिंग करवा सकते हैं. 

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